ददरिया : तिरछी नजरिया भंवा के मारे

ये भंवा के मारे रे मोर रसिया
तिरछी नजरिया भंवा के मारे ।

सिरपुर मंदिर म भरे ल मेला
तोला फोर के खबवाहूँ नरियर भेला ।
ये भवा के मारे … ।

आये ल सावन छाये ल बादर,
तोर सुरता के लगायेंव आंखी म काजर ।
ये भवा के मारे … । :

धान के कंसी गहूँ के बाली,
मोर मांग में लगा दे पीरित लाली ।
ये भवा के मारे … ।

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